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जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा Jodo ke dard ki Ayurvedic dawa: AGGRI JOINTS 1000mg joints pain relief medicine

$ 23.80

उत्पाद के बारे:

यदि आप सबसे अच्छी जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा Jodo ke dard ki Ayurvedic dawa की खोज कर रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं क्योंकि Aggripure की AGGRI-joints एक best joints pain relief दवा है

AGGRI-JOINTS के बारे में कुछ अन्य विवरण:-

  • जोड़ों के बीच चिकनाई या स्नेहक (lubrication)को बढ़ाता है, जिससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
  • नियमित सेवन से सूजन से संबंधित दर्द जैसे जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में दर्द, तंत्रिका दर्द आदि से राहत मिलती है।
  • जोड़ों के दर्द के लिए एक स्वाभाविक रूप से शक्तिशाली सूत्र होने से जोड़ों में दर्द से राहत मिलती है।
  • AGGRI-JOINTS में प्राकृतिक तत्व हैं और इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • आप इन गोलियों को गुनगुने पानी या दूध के साथ ले सकते हैं।
  • AGGRI-JOINTS की 1 बोतल में 60 गोलियां होती हैं जो 1 महीने के लिए पर्याप्त हैं।
  • एक टैबलेट सुबह और एक रात में खाने के बाद सेवन करें।
  • 1000mg टैबलेट है।
  • 100% हर्बल सप्लीमेंट।
  • कोई दुष्प्रभाव नहीं।
  • 5 प्राकृतिक जड़ी बूटियों और आवश्यक विटामिन के मिश्रण से बनाया गया हैं ।
  • ऑर्डर करने के लिए Add to cart पर क्लिक करें ।
  • प्रीपेड ऑर्डर पर 10% की छूट।
  • मुफ़्त शिपिंग।
  • Cash on delivery उपलब्ध है।

Description

जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा Jodo ke dard ki Ayurvedic dawa: AGGRI JOINTS

 

अगर आप जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा Jodo ke dard ki Ayurvedic dawa ढूंढ रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर हो क्योकी AGGRIPURE की AGGRI JOINTS (एग्री-जॉइंट्स) इसके लिए सबसे अच्छा दवा है यह जोड़ों के दर्द, घुटनों के दर्द, कमर दर्द, जोड़ों की सूजन की best दवा है

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आईये जोडो के दर्द की आयुर्वेदिक दवा जानने के बाद जानते हैं कि जोडो में दर्द किस वजह से होता है:

जोड़ो के दर्द के कारण:

  • मोटापा:

जोड़ों पर सबसे ज्यादा दबाव के अतिरिक्ट वज़न के कारण पड़ता है जिससे जोड़ो में चरमराहट चटकाहट होती है और फिर दर्द की शुरुआत होने लगती है।

  • ऊंची एड़ी की सैंडल:

ऊंची एड़ी की सैंडल पहनकर घुटनो को सीधा रखने के लिए आपकी जांघ की मास्पेशियो को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है।यदि हर दिन ऊँची एड़ी के सैंडल पहनते हैं तो, निश्चित रूप से आप की अस्थियों की कुशनिंग धीरे धीरे ख़त्म होने लगती है और गठिया के शिकार हो सकते हैं।

  • जोड़ों( नकल्ज़)को चटकाना:

जोड़ों (नकल्ज़) को चटकाने से उँगलियों में सूजन आ सकती है और आपके हाथों की पकड़ कमज़ोर हो सकती है जो जोड़ के दर्द  का कारण बन सकती है

  • बॉडी के जोडो पर सामान लटकाना:

सामान चाहे आपके पर्स हो, ज्यादा समय तक लटकाने से आपके आवास में दर्द हो सकता है। लगातार ऐसा करने से आपकी मांसपेशियाँ मांसपेशियाँ फैलने लगती हैं जिसका असर जोड़ों पर पड़ता है।

  • काम करने के लिए छोटी माँसपेशियों पर अधिक दबाव:

अपनी छोटी माँसपेशियों पर अधिक दबाव डालने से जोड़ों को चोट लग सकती है वजनदार काम को छोटी उंगली से ना करे सभी उंगलियो या कंधे की ताकत का उपयोग करें।

  • पेट के बल सोना:

इससे आपकी गर्दन पीछे की ओर मुड़ जाती है जिससे रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

  • स्ट्रेचिंग करना:

नियमित स्ट्रेचिंग आपकी माँसपेशियों और लिग़मेंट्स को मज़बूती प्रदान करती हैं,जिससे आपकी हड्डियाँ और  जोड़ और उनके इर्द गिर्द रहने वाली मांसपेशियाँ मज़बूत और लचीली बनती हैं।

  • वर्ज़िश में लापरवाही बरतना:

35-45 की उम्र तक पहुँचते पहुचते हड्डियाँ थोड़ी पतली हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं, इसलिए अपनी माँसपेशियों की मज़बूती के लिए रोज़ाना, वर्ज़िश ज़रूर करें।

  • सिगरेट और तम्बाकू का सेवन:

दोनों आपकी हड्डियों और जोड़ों के कुशंस की तरफ़ होने वाले रक्त प्रवाह की गति को रोकते हैं और,आपके शरीर के एस्ट्रोजन होर्मोन्न के स्तर को भी घटाते हैं ।

  • नींद की कमी:

कम सोने से,माँसपेशियों में सूजन बढ़ जाती है,जिससे जोड़ों में दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है।इसलिए पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें।

  • एक जगह बैठकर काम और कम काम करना:

जब तक आप शरीर की क्षमता के अनुसार काम करते रहते हैं, तो शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है लेकिन, जब लम्बे समय तक कुछ काम नहीं कर रहे होते हैं तो आपकी माँसपेशियों और हड्डियों में तनाव बन जाता है और जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है।

  • ज़रूरत से ज़्यादा कम्प्यूटर पर बैठना:

एक ही पौस्चर में ,लगातार अपनी कुर्सी पर बैठकर,कम्प्यूटर पर,काम करने से आपकी गर्दन,पीठ और कंधों पर अकड़न महसूस होने लगती है और आपके जोड़ों में दर्द बढते देर नहीं लगती।समस्या ग़लत पौस्चर की नहीं है बल्कि दीर्घकाल तक बैठने की है।

  • Muscular disorder या वात रोग:

ये माँसपेशियों के अलावा जोड़ो के दर्द का कारण बनता है।

 

आईये देखते हैं  जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा (Jodo ke dard ki Ayurvedic dawa) AGGRI JOINTS में कौनसे तत्व शामिल है:

 

AGGRI-JOINTS की मुख्य सामग्री:

  • भुई आंवला
  • अलोवेरा/एलोवेरा
  • कुटकी
  • भांगरा
  • चिरायता
  • मुलेठी
  • शरपुंखा
  • रेवन्दचीनी
  • कासमर्द
  • मकोय
  • कासनी
  • पुनर्नवा
  • पटोल
  • पित्तपापड़ा
  • अडूसा
  • चाभ
  • बिंदाल
  • करीरा
  • शुंठी

 

एग्रीप्योर(AGGRIPURE) कौन है?

  • एग्रीप्योर 100% आयुर्वेदिक और हर्बल सप्लीमेंट्स का अग्रणी निर्माता है।
  • एग्रीप्योर हजारों खुश और संतुष्ट ग्राहकों का विश्वास है।
  • सभी उत्पाद बहुत प्रभावी हैं और वैज्ञानिक रूप से जांचे गए हैं।

और, कभी कोई साइड इफेक्ट न दिखाते हैं।

Aggripure की चिकित्सकीय दृष्टि से सिद्ध जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा (Jodo ke dard ki Ayurvedic dawa) AGGRI JOINTS विशेषज्ञों और डॉक्टरों की देखरेख में बनाई गई है।

इसलिए यह सुरक्षित होने के साथ-साथ प्रभावी भी है।

इसके अलावा, हम अपने गुणवत्ता मानकों के साथ कभी समझौता नहीं करते हैं और लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदान करते हैं।

हम उच्चतम गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए ISO 9001 प्रमाणित, FSSAI प्रमाणित और GMP प्रमाणित हैं।

इसलिए, हमारा उत्पाद सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता के मामले में सबसे अच्छा है

और निश्चित रूप से आपको वांछित परिणाम प्राप्त करने में मदद करेगा।

कस्टमर केयर नंबर: +91 7906127882

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